दिल्ली पुलिस की तैयारी करने दिल्ली जा रहा हूँ..... Learning24.in
भारत बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा हैं
इसलिए कोचिंग और स्कूल की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं.
इस भीड़ में कड़वा सच ये भी हैं की 100 छात्रों में से 85 को ये नहीं पता की आज स्कूल क्यों आये थे और कल को क्यों आना हैं.
कुछ बच्चे कॉलेज पास करके कोचिंग करने का सोचते हैं दिल्ली या राजस्थान या फिर बिहार अच्छे अच्छे कोचिंग्स हैं.
एडमिशन तो ले लेते हो पर आपको बहुत कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं बहुत कुछ होता हैं जो आपको आगे बढ़ने नहीं देता और इसी बीच वो ही डटे रहते हैं जो अपना सारा फोकस पढाई पर लगाते हैं वरना डिप्रेशन बहुत बुरी बीमारी है जो इंसान से कुछ भी करवा सकती हैं चलिए थोड़ा विस्तार से समझते हैं.
आपके आस पास से कोई न कोई बाहर पढ़ने ज़रूर गया होगा अगर 10 जने पढ़ने गए तो सोचिये कितनो की जॉब लग गयी 2, 3 या 4. याद रखिये सफलता का एकमात्र रास्ता हैं कड़ी मेहनत।
हम डिग्री इकठ्ठा करने में लगे रहते हैं कभी सोचा है की सीरियस होकर कभी पढाई करने के बारे में. उधर एडमिशन ले लिया और इधर नौकरी कर रहे हो पेपर भी जैसे तैसे पास कर लिया पर जो बुक में लिखा हैं उसे 6-7 दिन में पेपर के समय दिमाग में कैसे उतारोगे।
कुछ लोग मुझसे पूछते हैं BA, BCom या BSc..... क्या करना सही होगा? स्कोप किसमें ज्यादा हैं??
अब मुझे आप बताओ अगर BA इतनी खराब होती तो सरकार इसे क्यों पढ़ाती। या BCom इतनी खराब होती तो सरकार इसे क्यों पढ़ाती।
सच तो ये हैं आप ईमानदारी से अगर 10वीं तक की किताबे ही पढ़ लो वो ही काफी हैं. पर कोन पढता हैं ईमानदारी से??????
किसी भी कोचिंग सेंटर में जाओ वो इंग्लिश 10वीं तक की पढ़ाता हैं, इतिहास 10वीं तक का रटवाते हैं या कोई और विषय जैसे गणित ले लो सब 10वीं तक का ही होता हैं. पता है क्यों क्योंकि जो आप फॉर्म भरते हो सबसे ज्यादा पार्ट 10वीं तक ही होता है पेपर में.
कमाल की बात ये हैं भारत के कुछ पीछड़े गाँव में एक कहावत सी हैं की घर का काम करवा दे तेरे बोर्ड के पेपर नहीं है 9वीं ही तो हैं और 10वीं में आकर वो कोचिंग लगाते हैं तो भाइयो बात ऐसी हैं छठवीं तब समझ में आएगी जब आपने पांचवी समझी हो और सातवीं तब समझ में आएगी जब आपने छठवीं समझ के पढ़ी हो ऐसे ही...... 10वीं तभी समझ आएगी जब 9वीं समझ समझ के पढ़ी हो. अब बच्चा 10वीं मन लगाके पढ़ रहा है तो उससे पहले 1-9 कवर करना ही पड़ेगा और ये वही बच्चे होते हैं जो इतना सब मैनेज नहीं कर पाते एकदम से और आत्महत्या करने पे मज़बूर हो जाते हैं.
बात सोचने की हैं नीव कमजोर है तो कैसे उस पर एक मजबूत मकान बना लोगे। आपको 1 से 9वीं अच्छे से पढ़नी चाहिए थी 10वीं में अच्छा परफॉर्म करने के लिए.
कोचिंग की बात करें तो वो 1 महीने में जितना पढ़ाते हैं वो अगर याद करोगे तो आपको कम से कम 4 से 5 महीने लगेंगे। आप अंदाजा नहीं लगा सकते अगर 4-5 दिन कोचिंग ना गए तो कितना नुकसान होगा और अगर आपको फ़ोन पर 2-3 घंटे या ज्यादा टाइम बिताने का शौंक हैं तो घर पर ही रहे माँ बाप का पैसा फालतू में ना बहाएं कही टूर पर चले जाएँ कोचिंग में जो फीस देनी थी उन पैसो से. और जो दोस्त बाहर पढ़ने गया हैं और फ़ोन पर ज्यादा टाइम बिताता है वो भी कोचिंग ख़तम होने के बाद वापस गाँव में आएगा, इंतज़ार करो. उसके आने के बाद पहले की तरह फील्ड में बैट बॉल या अपना पसंदीदा खेल खेलना।
जो बताया हैं उसके बारे में सोचना।
जब तक अंदर से आवाज़ नहीं आएगी तब तक कोई कुछ भी लेक्चर देता रहे सब बेकार हैं.
अपनी लाइफ से दिमाग को डिस्ट्रैक्ट करने वाली सब चीज़ को ख़तम करना सीख गए तभी ज़िन्दगी में कुछ भी करना आसान होगा. कोचिंग करो तो पूरा ध्यान स्टडी पर लगाना।
Best of Luck!
अपनी लाइफ से दिमाग को डिस्ट्रैक्ट करने वाली सब चीज़ को ख़तम करना सीख गए तभी ज़िन्दगी में कुछ भी करना आसान होगा. कोचिंग करो तो पूरा ध्यान स्टडी पर लगाना।
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